Friday, 21 October 2016

आशा


मन में शरारत है ,
कुछ इच्छा है कुछ उम्मीद है।
न जाने कहाँ मैं आयी हूँ ,
जिंदगी ले आयी है इस नए मोड़ पर।
नए लोग हैं नया माहौल ,
आशा है कुछ कर जाऊंगी,
यहां भी अपनी पहचान बनाउंगी बनाऊँगी।
मिलेगा छूटेगा यहां भी कोई ,
फिर भी बढ़ना है हर कदम।
मस्त हूँ, नाज़ुक हूँ , हूँ सबकी प्यारी मैं,
प्यार करेंगे यहां भी सब,
बस कुछ देर इंतज़ार की।
नए दोस्त होंगे नई राह,
कुछ तो नया मिलेगा यहां।
सीखना है बढ़ना है ,
बस बढ़ते ही जाना है।
http://writm.com/ritu/%E0%A4%86%E0%A4%B6%E0%A4%BE/

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